शरम आई उन्हें इस शिद्दत से, कि वो नजरें झुका बैठे।
तब उन्हें देखने की खातिर, हम उनका चिलमन उठा बैठे।
झुकी नजरें, लरजते लब.. धड़कता दिल और मोहब्बत।
हम यूं देखकर उनको, अपनी दिल गुमां बैठे।
हसीं थी सुहानी शाम, और दिलों में मोहब्बत।
हम एक-दूसरे से, कर वादा-ए-वफा बैठे।
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