शनिवार, 19 सितंबर 2009

प्यार की शिद्दत...

शरम आई उन्हें इस शिद्दत से, कि वो नजरें झुका बैठे।
तब उन्हें देखने की खातिरहम उनका चिलमन उठा बैठे।
झुकी नजरें, लरजते लब.. धड़कता दिल और मोहब्बत।
हम यूं देखकर उनकोअपनी दिल गुमां बैठे।
हसीं थी सुहानी शामऔर दिलों में मोहब्बत।
हम एक-दूसरे सेकर वादा-ए-वफा बैठे।

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