मंगलवार, 21 जून 2011

द्रविड के टेस्ट क्रिकेट में 15 बरस पूरे


'श्रीमान भरोसेमंद' और 'दी वाल' जैसे उप-नामो से विख्यात पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ़ २० जून २०११ को शुरू हुए पहले क्रिकेट टेस्ट के साथ टेस्ट क्रिकेट में 15 बरस पूरे किये! इस इस्टाईलिश बैट्समैन से आगे भी इसी तरह बेहतरीन खेल का मुजाहरा करते रहने की सभी क्रिकेट प्रशंशक की कामना है!

अपने क्रिकेटिंग कैरियर में द्रविड़ ने काफी उचाईयों और विरोधाभास को देखा है! इस बिच द्रविड़ धीमा खेलने के लिए टीम से निकाले भी गए और फिर वापसी करते हुए भारतीय बलेबाज़ी क्रम की रीढ़ की हड्डी भी बन गए, जिसने बिना टीम से निकले लगातार मैच खेलने का रिकॉर्ड भी बनाया!

इंग्लैंड के खिलाफ़ लार्डस में 20 जून 1996 को पदार्पण करने वाला यह कलात्मक बल्लेबाज टीम के लिए भरोसे की पहचान बन गया! आज भी जीवन के ३८ बसंत देख चुके राहुल द्रविड़ के रिप्लेसमेंट के टक्कर का कोई खिलाडी भारतीय टीम के पास नहीं है! भले ही युवाओ का खेल हो चुके एकदिनी और टी२० मैच में द्रविड़ न दिखे पर ये बात अब भी सही है की युवा खिलाडी तेज़ तो है पर उन के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं है! जिसके बिना खेल के किसी भी फॉरमेट में अपना स्थान पक्का नहीं किया जा सकता ! जबकि द्रविड़ को जाना ही उनकी इसी खूबी के लिए जाता है की वो अच्छा न खलते हुए भी औसतन ३५-४० रन तो बनायेंगे ही! आज भी क्रिकेट के असली परिचायक फॉरमेट 'टेस्ट' में राहुल द्रविड़ के बिना खेलना टीम के लिए सपनो के जैसा है, जिसकी कल्पना भी वह नहिकारना चाहेगी कि जब द्रविड़, सचिन और लक्ष्मण सन्यास के बाद टीम का क्या होगा.......

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