सोमवार, 27 जून 2011

अपनी अपनी बातें ना हो मुल्क ही इमान हो मेरा

अपनी अपनी बातें ना हो मुल्क ही इमान हो मेरा..
यूपी भी हो बम्बई भी हो ऐसा हिंदुस्तान हो मेरा..
मंदिर हो और मस्जिद भी हो, गिरजा और गुरुद्वारा भी हो..
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब में भाई चारा भी हो..!

सच के हो हर और उजाले, झूठों के मुह भी हो काले..
अपने चारों धाम हो जिसमे, मौला तेरा नाम हो जिसमे..
शबरी भी हो राम हो जिसमे, राधा के संग श्याम हो जिसमे..
गीता का भी ज्ञान हो जिसमे, साहिब ओ कुरान हो जिसमे..!

दिल मे खाकसारी भी हो, आँखों में चिंगारी भी हो..
प्यार की हो बातें लेकिन जंग की तैयारी भी हो..
सच्चाई की आंधी आये, फिर से कोई गाँधी आये..
झूठे जालिम संतरी ना हो, गुंडे तश्कर मंत्री ना हो..!

सच के ऊपर फायर ना हो, कोई जनरल डायर ना हो..
जयचंदो सा कायर ना हो, झूठा कोई शायर ना हो..
बिस्मिल से मतवाले भी हो, हम जैसे दिलवाले भी हो..
मीर का दीवान हो जिसमे, ग़ालिब की अजान हो जिसमे..!

सच्चाई का प्रकाश को जिसमे, सपनो का आकाश को जिसमे..
प्यार का पैगाम हो जिसमे, तेरा मेरा नाम हो जिसमे..
दुश्मन भी मेहमान हो जिसमे ऐसा हिंदुस्तान हो मेरा..
अपनी अपनी बातें ना हो मुल्क ही इमान हो मेरा...!!

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