साक्षात्कार, नई दिल्ली, 28 फरवरी (हि.स.)। बजट में उद्योग जगत को
क्या मिला। क्या इस बजट से उद्योग जगत संतुष्ट है इन्हीं सब मुद्दों पर फिक्की
प्रेसिडेंट नैना लाल किदवई से खास बातचीत की हिन्दुस्थान समाचार के संवाददाता आकाश राय ने....
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बजट पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है।
इस बजट से अर्थव्यवस्था विकास की ओर बढ़ेगी। इस बजट से
ग्रोथ में तेजी आएगी ऐसा अनुमान है। कह सकते हैं यह सुलझा हुआ बजट है और इसमें
जिम्मेदारी का पुट है। बजट में वित्तीय प्रबंधन, बुनियादी ढांचे का खास
ख्याल रखा गया है। जैसा अनुमान था वैसा ही बजट है। इस बार के बजट में ऐसा कुछ नहीं
है जिसे खास कहा जाए। राजकोषीय घाटे कम करने का प्रयास किया जाएगा।
-इस बजट में महिला उद्यमियों को कहां देख रहे हैं। महिलाओं के लिए विशेष
घोषणा भी हुई है।
पिछली बार कहा गया था कि महिला मुद्दे ही गायब हैं। इस बार
महिला द्वारा महिला के लिए फंड निर्भया फंड बनाने का ऐलान किया है। वह है एक हजार
करोड़ रुपए का। और यह पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित होगा। यह पहली बार किया जा
रहा है जो काफी अच्छा कदम है। युवाओं के लिए एक हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था काफी
अच्छा घोषणा की गई है। यह अच्छी योजना है।
-सरकार ने इनफ्रास्ट्रक्चर पर इस बजट में जोर दिया है क्या कहेंगे आप।
निश्चित तौर पर सरकार ने इनफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है।
वह काफी अच्छा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड के जरिए 50 करोड़ रुपए जुटाने का
प्रयास किए जाने की बात कही गई है वह अच्छा है। इससे रियल एस्टेट में तेजी आएगी
ऐसी उम्मीद है। राजीव गांधी इक्विटी से भी छोटे निवेशकों को फायदा होगा।
-सरकार से उद्योग जगत को जीएसटी और डीटीसी पर उम्मीदें भी थी।
बिल्कुल, जीएसटी और डीटीसी को लेकर सरकार ने कहा है
कि इस पर जल्द ही विधेयक संशोधन के बाद आएगा उसपर पारित किया जाएगा। यह अच्छा है।
बजट गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स की ओर पहला कदम है। यह अच्छी बात है। मुआवजे के लिए
नौ हजार करोड़ रखे गए हैं।
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बजट को देखने से ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य सेक्टर पर सरकार ने
पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। आप क्या कहेंगे।
निश्चिततौर पर स्वास्थ्य सेक्टर ऐसा सेक्टर है जिसपर ध्यान
देने की जरूरत है। हालांकि बजट में सरकार ने कुछ सेक्टर जहां स्वास्थ्य से जुड़े
हैं खासकर सामाजिक कल्याण के लिए किया गया काम इसी के अंतर्गत है। जिसपर जोर है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में रिक्शेवाले, ऑटोरिक्शा का प्रस्ताव
अच्छा है। इसमें खासकर स्वयं सहायता ग्रुप बीमा का प्रस्ताव अच्छा है।
-कुछ ऐसे मुद्दे जिस पर उद्योग जगत की अपेक्षा रही हो और वित्त मंत्री उसपर
कोई ध्यान नहीं दिए हों।
उद्योग के कई
सेक्टर पर काफी कुछ सरचार्ज लगे हुए हैं। जो मंदी के समय से ही हैं। उसे हटाने के
बारे में सोचना चाहिए। सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया यह निराशाजनक है। सरचार्ज हटाना
चाहिए था। जिससे उद्योग जगत को राहत मिले। जिससे बेहतर आउटपुट दिखाई पड़ता। सरकार
ने एक करोड़ से अधिक आमदनी वाले पर दस फीसदी सरचार्ज लगाने की बात कहीं गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसे एक साल के बाद हटा लिया जाएगा। लेकिन अब ऐसा लगता नहीं
है।
-सरकार ने बजट में उद्योग से ज्यादा कृषि सेक्टर पर ध्यान दिया है।
नहीं, ऐसा नहीं लगता। नाबार्ड के तहत कुछ विशेष
घोषणा है। लेकिन कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है। पोस्ट ऑफिस को कोर बैंकिंग
बनाने की बात कही गई है। हैंडलूम और पर भी घोषणाए काफी अच्छी है। इस तरह की घोषणा
से सभी तरह के विकास होगा।
-सब्सिडी पर सरकार मौन हैं ऐसा
लगता है आपको।
सब्सिडी जैसे तत्व पहले ही सरकार ने बजट से बाहर कर दिया
है। सब्सिडी धीरे-धीरे कम करना चाहिए था। सब्सिडी कम नहीं किया है। सरकार की भी
ऐसी रणनीति रही है कि धीरे-धीरे इसे कम करते हैं लेकिन सरकार ने इस पर अमल नहीं
किया है।
-सरकार ने इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने की बात नजर आ रही है।
सरकार की ओर से किया गया प्रयास अप्रर्याप्त है। पवार
सेक्टर के लिए घोषणाएँ कुछ अच्छी रही हैं। अभी इंफ्रास्ट्रक्टर पर और काम करने की
जरूरत है। सरकार को इससे उबारने का प्रयास करना चाहिए। इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत
होगा तभी उद्योग जगत भी आगे बढ़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/28.02.2013/आकाश।
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