खुशियों की किलकारियों में जन्म हमारा होता है,
बेफिक्र पालने में बच्चा सोता है !
पहला शब्द, पहला कदम, पहला अनुभव उसका होता है,
बांहों में नन्ही जान, आँखों में बड़े सपने लिए बाप उसका सोता है!
एक आंसू अपने बच्चों की, पिता को दर्द देती है,
और खुद बड़ी होकर वही संतान, उसे छोड़ देती है!
क्या किया गलत पिता ने बच्चों को पाल के,
की छोड़ गए अपने उसे उम्र की शाम ढलते-ढलते!
खुद का सहारा मान, जिसे सहारा दिया उसने,
आज तन्हाईयों में सोच रहा, क्यों पूरे न हो सके सपने!
क्यों बीतते वक़्त में दुनियां बदल जाती है,
क्यों शाम आते अपनी परछाई साथ छोड़ जाती है!
समझेंगे वो कल जब खुद पर कहानी दोहराई जायेगी,
अपनों की बाते अपनों से बेरुखी निभाएगी!
तब उन्हें अपने बड़ों की याद आएगी,
तब शायद कहीं समाज में सम्मान की बयार छाएगी...!!
I Love You Papa... Happy Father's Day
अति सुन्दर, एक पिता तो अपने कर्तव्यों का पालन हर परिस्थिति में करता है, परंतु एक पुत्र शायद अपने कर्तव्यों का निर्वहण नहीं कर पा रहा है। हो सके तो कम से कम फादर्स डे पर आपके द्वारा रचित कवीता के माध्यम से उन पुत्रों को थोडा ही सही अपने कर्तव्यों की याद आ जाए।
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