गुरुवार, 8 अगस्त 2013

दो टूक...

"सीमा पर तनाव हैँ, वीरों की मुँछ पर ताव हैँ।
पर पीएम के चेहरे पर, हाव हैँ ना भाव हैँ।
इन नेताओं को तो बस, कुर्सी से ही लगाव हैँ।
सब जानते ना-पाक ने, दिए देश को कई घाव हैं।
लेकिन स्वार्थ की बलिवेदी पर, जलते देश से नहीं चाव है।
उस पर भी कुछ लोग देश में, गुणगान पाक की करते हैं।
खाते हैं भारत मां की और नमन उजड़े चमन को करते हैं।
अब तो बस यह साफ हो गया, जो अपना नहीं पराया है।

या तो साथ हमारा दो, या तुमकों भी मार भगाना है...।"

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