Akash Apna Hai
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शुक्रवार, 8 जून 2012
आज के नेता...
"
जनसेवा का व्रत लिया, रहते जन से दूर।
सत्ता सुख की कामना, आदत से मजबूर।
सीडी, सत्ता, सुन्दरी, इनमें क्या है मेल।
मतदाता हैरान हैं, आखिर क्या है खेल।
राजनीति के हाट में, सच ईमान बिकाय।
रावण जीता राम से, राम करे हैं हाय...।"
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