मंगलवार, 2 अगस्त 2011

कुछ पंक्तियाँ... जो दिल को छू गयी ....

"बस एक ही तमन्ना रखता हूँ मैं अपने दिल में...
मुहब्बत से मिलो चाहे मुझे बर्बाद ही कर दो ..."


"दांत भी टूटी , खाट भी टूटा , उनसे प्यार निभायी में ..

उनके शर्म ने ली जान हमारी , भर गर्मी ओढ़ रजाई में ..."



"जब करो इज़हार इश्क का, जेब-ओ-दिल पर हाथ रख लेना,

मान गयी तो खर्च बढेगा, ना मानी तो कुछ टूटेगा ..."


"मौला यूँ ही रखना मेरे सर पे अपना हाथ
माँ भी मेरे साथ हो मेरे बाबु जी भी साथ....."


"ना करना हौसले की बात तू मुझसे महोब्बत में
अक्ल की हम नहीं सुनते जुनूँ से काम करते हैं... "


"सोचता हूँ बिना शर्त के आये मौत तो हाथ मिला लूं ,
कि उब्ब गया हूँ ज़िन्दगी से समझौता करते-करते...."


"मेरी आवारगी में कुछ दखल तुम्हारा भी है,
तुम्हारी याद आती है तो हमे घर अच्छा नहीं लगता.."


"कहता हैं दर्दे जिगर को लफ्जों से मत तोलना
आँख से गिरने की ख्वाइश कुछ तो तेरे खूं में हो......."


"आँखों के आईने में किस किस को छुपाता वो
हज़ार थे हम जैसे ख्वाबों में आने वाले......"


"ये सोच के सूरज को मुटठी में भर लिया
बादल के साये देर तक मेरे साथ रहेंगे .."


"देख ले आ मौत आकर आज फिर हारेगी तू
माँ मिलेगी साथ मेरे, छोड़ कर भागेगी तू...."

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