मंगलवार, 20 सितंबर 2011

श्रीमान भरोसेमंद राहुल 'द वाँल' द्रविड...


हाल ही में टीम इंडिया ने इंग्लैण्ड दौरा पूरा किया। इस सीरीज ने वनडे और टेस्ट स्तर पर विश्व चैम्पियन टीम इंडिया को अर्श से फर्श पर धकेल दिया। भारत इंग्लैण्ड से चार टेस्ट और पांच वनडे और एकमात्र टी-20 में परास्त हुआ। इंग्लैण्ड हर स्तर पर भारत पर हावी रहा। खेल के हर मैदान में उसके खिलाडी हमारे खिलाडियों पर हावी रहे। इस सीरीज की समाप्ति से पहले ही भारत के एक से क्रिकेटर ने सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी, जिसे दुनिया द वाल, मिस्टर रिलाइबल, भरोसेमन्द के नाम से पुकारते हैं। यह खिलाडी रहा राहुल शरद द्रविड जिसे टीम इंडिया और मीडिया में राहुल द्रविड के नाम से पुकारा जाता है। अपने 16 साल के करियर में करीब-करीब बेदाग रहने वाले द्रविड पर भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए 2004 में गेंद से छेडछाड के आरोप के अतिरिक्त अन्य कोई आरोप नहीं लगा। शांत स्वभाव के राहुल बेहद सादगी और शांति से अपने करियर को अलविदा कह गए। पेश है राहुल के करियर से सम्बन्धित कुछ रोचक जानकारियां-

भारतीय क्रिकेट टीम की द वॉल (दीवार) के नाम से प्रसिद्ध राहुल द्रविड का जन्म इंदौर (मध्य प्रदेश) के कर्नाटक में रहने वाले एक मराठा परिवार में हुआ। मध्यक्रम के भरोसेमंद बल्लेबाज का पूरा नाम राहुल शरद द्रविड है। उनके पूर्वज थंजावुर तमिलनाडु के अय्यर थे। द्रविड बैंगलूर में बडे हुए। हिन्दी अंग्रेजी के साथ-साथ मराठी और कन्नड बोलने वाले राहुल के परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई है। उनके पिता प्राइवेट फर्म में काम करते हैं और माता वास्तुकला की प्रोफसर हैं। उनकी पत्नी नागपुर में सर्जन हैं। द्रविड ने क्रिकेट की दुनिया में अपना एक अहम् स्थान बनाया है। स्वभाव से शान्त रहने वाले द्रविड ने विश्व क्रिकेट में अपने नाम कई रिकॉर्ड्‌स बनाए हैं, जिनकी वजह से उन्हें लम्बे समय तक याद किया जाएगा।

पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बाद वे तीसरे से बल्लेबाज है, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार से अधिन रन बनाए हैं। 14 फरवरी 2007 को राहुल द्रविड विश्व क्रिकेट के छठे और टीम इंडिया के तीसरे से खिलाडी बने जिन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में दस हजार रन के आंकडे को छुआ। इसके अतिरिक्त द्रविड के नाम 182 कैच और अन्य बल्लेबाजों के साथ भागीदारी करते हुए 75 मर्तबा शतकीय साझेदारी को पूरा करने का विश्व रिकॉर्ड है। इस विश्व रिकॉर्ड में उनके साथ 18 बल्लेबाजों के नाम जुडे हैं।

राष्ट्रीय टीम में स्थान बनाने से पहले राहुल द्रविड ने अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 के स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व किया। फरवरी 1991 में उन्हें पुणे में महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्राफी की शुरूआत करने के लिए चुना गया। उस वक्त वे द्वितीय वर्ष की पढाई कर रहे थे। इस मैच में राहुल द्रविड ने 82 रन का योगदान अपनी टीम को दिया था। यह स्थिति तब थी जब वे 7वें स्थान पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। द्रविड ने अपने वनडे करियर का पहला मैच अप्रैल 1996 में श्रीलंका के खिलाफ सिंगापुर में खेला था। द्रविड ने वनडे में 343 मैचों की 317 पारी खेली है और 39.06 की औसत से 10820 रन बनाए है। जिसमें 83 अर्द्धशतक और 12 शतक शामिल है।

द्रविड ने अपने टेस्ट करियर का आगाज जून 1996 में इंग्लैड के खिलाफ लाड्‌स में किया था। द्रविड की टेस्ट मैचों की बात करें तो 157 मैचों में 273 पारी खेली है और 53 की औसत से 12,775 रन अपने किए है। जिसमें 60 अर्द्धशतक और 35 शतक शामिल है। करियर की शुरूआत मार्च 1996 में श्रीलंका के खिलाफ अपना करियर शुरू करने वाले द्रविड को इस सीरीज के बाद टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इसके बाद उन्हें इंग्लैण्ड दौरे के लिए चुना गया। करियर के आठवें साल में उन्हें टीम इंडिया का कप्तान नियुक्त किया गया था। लगभग चार वर्ष तक उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाई, लेकिन इस दौरान टीम इंडिया के लिए राहुल सा कोई चमत्कार नहीं कर पाए जिससे टीम इंडिया का मनोबल ऊंचा उठता या फिर विश्व क्रिकेट में वह अपने नाम को सार्थक सिद्ध कर पाती। सितम्बर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया।


वर्ष 2000 में द्रविड को पांच सर्वश्रेष्ठ विजडन क्रिकेटरों में शामिल होने पर सम्मानित किया गया था। शतक लगाने का रिकार्ड हाल ही खत्म हुए इंग्लैण्ड दौरे के दौरान द्रविड ने चार टेस्ट मैचों में तीन शतक की बदौलत भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाडी का खिताब पाया। जिसके लिए उन्हें "मैन आफ द सीरीज" अवार्ड से नवाजा गया। इस सीरीज में राहुल ने करियर का 35वां शतक लगाकर ब्रायन लारा और सुनील गावस्कर की बराबरी करने के साथ विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा टेस्ट शतक बनाने वालों की सूची में चौथा स्थान पाया।

टेस्ट के साथ-साथ एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक शतक बनाने का गौरव भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के नाम है। सचिन ने 51 टेस्ट शतक के साथ 49 एक दिवसीय शतक बनाए हैं। अभी सम्पन्न हुई इंग्लैण्ड सीरीज में राहुल ने पारी की शुरूआत करने वाले खिलाडी के रूप में एक नया रिकॉर्ड बनाया जो अन्त तक नाबाद रहा। यह उपलब्धि उन्होंने चौथे टेस्ट मैच में अर्जित की। इस टेस्ट मैच में उन्होंने सुनील गावस्कर और वीरेन्द्र सहवाग की बराबरी की।

रन आउट होने का रिकार्ड
10 सितम्बर 2011 में इंग्लैण्ड के खिलाफ ओवल वनडे में राहुल द्रविड 2 रन बनाकर रन आउट होकर भी क्रिकेट में एक अनोखा रिकार्ड बनाए। वनडे करियर में ये 40वां मौका है जब राहुल रन आउट हुए। इस तरीके से आउट होकर द्रविड ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इजमाम उल हक की बराबरी कर ली है। इंजी भी वनडे करियर में कुल 40 बार से आउट हुए। वनडे में सर्वाधिक बार रन आउट होने का रिकार्ड श्रीलंका के पूर्व कप्तान मरवन अट्टापट्टू के नाम है। मरवन कुल 41 बार रन आउट हुए। टेस्ट में ये कारनाम सर्वाधिक बार आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने किया पोटिंग सर्वाधिक 14 बार रन आउट हुए है।

सबसे अधिक उम्र के खिलाडी का रिकार्ड
31 अगस्त 2011 इंग्लैण्ड के खिलाफ टी-20 मैच खेलते हुए राहुल द्रविड ने एक और उपलब्धि अपने नाम की। वे टीम इंडिया के से पहले खिलाडी बने, जिन्होंने 38 वर्ष 232 दिन की उम्र में अपना पहला और आखिरी टी-20 मैच खेला। विश्व क्रिकेट में वे से तीसरे खिलाडी हैं जिन्होंने इतनी बडी उम्र में टी-20 मैच खेला है। राहुल से पहले दो कनाडाई बल्लेबाजों एस धनीराम और एस थुरइसिंघम है। धनीराम ने 39 साल और 290 दिन की उम्र में अपना पहला टी-20 खेला था। इसके बाद थुरइसिंघम ने जब अपना पहला टी-20 मैच खेला था। उस समय उनकी उम्र 38 साल और 326 दिन थी।

सर्वाधिक गेंदें खेलने का रिकार्ड
22 जुलाई 2010 में गाले में चोटी के बल्लेबाज राहुल द्रविड ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दौरान एक अनोखा रिकार्ड बनाया। वे टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक गेंद खेलने वाले बल्लेबाज बने। द्रविड टेस्ट मैचों में 27 हजार अधिक गेंद खेलने वाले बल्लेबाज बने। इस मामले में उन्होंने आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बोर्डर के 27,002 गेंद खेलने के रिकार्ड को पीछे छोडा। इन दोनों के बाद सचिन तेंदुलकर और दक्षिण अफ्रीका के जैक कॉलिस का नंबर आता है, जिन्होंने करीब 25 हजार गेंद खेली हैं।

सर्वाधिक कैच लेने का रिकार्ड
27 दिसंबर 2010 को डरबन में अपना 149वां टेस्ट खेलते हुए राहुल द्रविड ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डेल स्टेन का कैच लेने के साथ ही एक रिकार्ड बनाया। इस कैच के साथ ही उन्होंने 200 कैच लेने का जादुई आंकडा छुआ। विश्व क्रिकेट में वे इस उपलब्धि को हासिल करने वाले इकलौते भारतीय खिलाडी हैं। फिलहाल अन्य किसी देश का कोई खिलाडी इस मामले में उनके मुकाबले में नहीं है। टेस्ट मैचों में सर्वाधिक कैच लपकने की सूची में आस्ट्रेलिया के मार्क वॉ दूसरे स्थान पर हैं। मार्क के नाम 181 कैच दर्ज हैं। द्रविड ने 2004-05 में खेली गई गावस्कर-बार्डर श्रृंखला के दौरान चार टेस्ट मैचों में 13 कैच लपके थे। किसी एक श्रृंखला में सर्वाधिक कैच लपकने के मामले में द्रविड तीसरे स्थान पर हैं। द्रव़िड ने 339 वनडे मैचों में भी 196 कैच लपके हैं। इसके साथ ही द्रविड ने विकेटकीपिंग करते हुए 14 खिलाडियों को स्टम्पिग के जरिए आउट किया है।

गेंद छेडछाड हादसा
अपने पूरे करियर में बेदाग रहने वाले राहुल के खिलाफ टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए जनवरी 2004 में गेंद से छेडछाड का आरोप लगा। जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलते हुए द्रविड गेंद के साथ छेडछाड करने के दोषी पाए। मैच रैफरी क्लाइव लॉयड ने कहा कि राहुल ने गेंद में किसी ऊर्जाकारी चीज का प्रयोग किया, जो एक अपराध है। हालांकि द्रविड इस बात से इनकार करते रहे। मैच रैफरी लॉयड के कहने पर इसे टीवी फुटेज में बार-बार दिखाया गया। भारतीय टीम के कोच जॉन राइट ने द्रविड के बचाव में आते हुए कहा कि यह गलती जानबूझ कर नहीं की गई। द्रविड ने आईसीसी के नियमों के कारण घटना पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने जरूर कहा कि द्रविड का कार्य एक दुर्घटना है। राहुल द्रविड की उपलब्धियां एक नजर में 1999 विश्वकप के सीएट क्रिकेटर 2000 में विसडेन क्रिकेटर 2004 सर गारफील्ड सोबर्स ट्राफी विजेता (वर्ष के आईसीसी प्लेयर के लिए सम्मानित किए गए) पुरस्कृत 2004 में पश्री पुरस्कार 2006 में आईसीसी की टीम की

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राहुल की उपलब्धि टेस्ट क्रिकेट में "मैन आफ द सीरीज" पुरस्कार
2002 में इंग्लैड के खिलाफ 602 रन 10 कैच
2003-04 आस्ट्रेलिया के खिलाफ 619 रन 4 कैच
2006 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 496 रन 8 कैच "मैन आफ द मैच" पुरस्कार
1996-97 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 229 रन और 2 कैच
1996-97 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 92 रन
2002-03 में इंग्लैण्ड के खिलाफ 148 रन और 3 कैच
2002-03 में इंग्लैण्ड के खिलाफ 217 रन और 3 कैच
2003-04 में न्यूजीलैण्ड के खिलाफ 295 रन और 3 कैच
2003-04 आस्ट्रेलिया के खिलाफ 305 रन और 3 कैच
2003-04 में पाकिस्तान के खिलाफ 271 रन और एक कैच
2004-05 में पाकिस्तान के खिलाफ 245 रन और एक कैच
2006 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 149 रन और एक कैच
एकदिवसीय क्रिकेट में मैन ऑफ द पुरस्कार
1996 में पाकिस्तान के खिलाफ 46 रन
1996-97 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 84 रन
1998-99 में न्यूजीलैण्ड के खिलाफ 123 नाबाद
1998-99 में न्यूजीलैण्ड के खिलाफ 51 रन
1999 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 77 रन
2001 में जिम्बाब्वें के खिलाफ 72 रन नाबाद
2002 में श्रीलंका के खिलाफ 64 रन
2004 में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ 104 रन
2005 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 52 रन नाबाद
2005-06 में श्रीलंका के खिलाफ 85 रन
2005-06 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 78 रन नाबाद
2005-06 मे पाकिस्तान के खिलाफ 92 रन
2006 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 105 रन
2007 में इंग्लैण्ड के खिलाफ 92 रन नाबाद।

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