“गधों स करों
दोस्ती इसके कार्य से संसार है,
हर कर्म को करने को
ये रहता तैयार है,
हर रोज उठकर जीवन को
बोठ उठाता है,
शाम पहर होते, थक कर
सो जाता है,
फिर कल के बोझ के लिए
करता विचार है,
इसीलिए कहता हूँ...
इन्सान अपने कर्म से
गधे का अवतार है।।”
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